अब हालत यह है कि पहले लॉकडाउन में तो मुसलमानों को आसानी से दोषी बना दिया गया
लेकिन जैसे ही लॉकडाउन ढीला पड़ने लगा तो कुंभ की शुरुआत हो गई जो कि हिंदू धर्म का त्यौहार है जिसमें लोग भर भर कर गए  और जितने भी लोग गए वह सब करोना पॉजिटिव होकर आए
लेकिन इस बार मीडिया ने उनको दोषी नहीं ठहराया बल्कि नेताओं को कहा गया और मामले को इतना हल्का बना दिया गया कि एक नेता क्या सभी नेता टीवी पर बैठकर यह बोल रहे थे कि मैं भी क्रोना पॉजिटिव हूं लेकिन धार्मिक कार्य भी जरूरी है



और अब दुबारा से लॉकडाउन लगाया गया है कहा यह जा रहा है कि कोरोना के मामले बहुत बढ़ गए हैं वैक्सीन आ चुकी है लेकिन अभी भी मुसलमानों को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं रमजान से पहले ही लोग डाउन लगा दिया गया जैसा कि पिछली बार लगाया गया था और ईद की नमाज नहीं हुई और इस साल भी यही कहा जा रहा है जिसके नमाज नहीं होने दी जाएगी लेकिन कुंभ के मेले के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया इसे कहते हैं इंडियन पॉलिटिक्स और मीडिया का इंसाफ